The Basic Principles Of sidh kunjika
The Basic Principles Of sidh kunjika
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नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि ॥ ६ ॥
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी ।
ऐङ्कारी सृष्टिरूपायै ह्रीङ्कारी प्रतिपालिका ।
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
नवरात्रि के नौ दिनों तक इसका पालन करना होगा तभी ये पूर्ण फल प्रदान करेगा.
श्री सरस्वती अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
यस्तु कुंजिकया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत् ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
iti śrīrudrayāmalē gaurītantrē śiva pārvatī saṁvādē kuñjikā stōtraṁ sampūrṇam
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे read more ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ५ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. धन लाभ, विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी में पदोन्नति, अच्छी सेहत, कर्ज से मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.